करंट से गाय को बचाने गए युवक की मौत: ग्रामीणों का आरोप- ठेकेदार की लापरवाही से हुआ हादसा
मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। एक युवक की उस समय मौत हो गई जब वह एक करंट से झुलस रही गाय को बचाने की कोशिश कर रहा था। यह हादसा केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं रहा, बल्कि इसने ग्रामीणों के बीच गुस्से और नाराज़गी की लहर दौड़ा दी है। उनका आरोप है कि यह पूरा हादसा बिजली व्यवस्था की अनदेखी और ठेकेदार की लापरवाही का नतीजा है।
घटना का विवरण
यह दुखद घटना बालाघाट जिले के कटंगी तहसील क्षेत्र के ग्राम चोरबंद में हुई। गांव के ही रहने वाले युवक नंदलाल उइके ने देखा कि एक गाय बिजली के करंट की चपेट में आ गई है। मानवीय संवेदना के चलते वह तुरंत गाय को बचाने दौड़ा, लेकिन जैसे ही उसने गाय को छुने की कोशिश की, वह भी करंट की चपेट में आ गया। वहां मौजूद ग्रामीणों ने तत्काल बिजली विभाग को सूचना दी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
ग्रामीणों का आरोप
घटना के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है, लेकिन साथ ही लोगों में गुस्सा भी है। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली के तार कई दिनों से झूलते हुए दिखाई दे रहे थे। उन्होंने इसकी शिकायत बिजली विभाग और ठेकेदार से कई बार की थी, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया। यह लापरवाही अब एक युवक की जान ले चुकी है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस जगह हादसा हुआ, वहां बिजली के खुले तार लंबे समय से खतरा बने हुए थे। ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा टाला जा सकता था यदि विभाग समय रहते आवश्यक मरम्मत कर देता।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
मृतक नंदलाल उइके अपने परिवार का सहारा था। उसकी अचानक हुई मौत से परिजन सदमे में हैं। माता-पिता और भाई-बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव वालों का कहना है कि नंदलाल हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहता था और उसी भावना के चलते वह गाय को बचाने गया था।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें शांत रहने और न्याय का भरोसा दिलाया है।
अधिकारियों ने यह भी कहा है कि अगर जांच में बिजली विभाग या ठेकेदार की लापरवाही सामने आती है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, पीड़ित परिवार को मुआवज़ा देने पर भी विचार किया जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग
गांववालों ने प्रशासन से यह मांग की है कि:
- दोषी ठेकेदार और बिजली विभाग के कर्मचारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।
- गांव में सभी जर्जर और झूलते बिजली के तारों को तत्काल प्रभाव से बदला जाए।
- मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर गांव में बिजली लाइन की नियमित जांच हो।
इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था की खस्ताहाल स्थिति को उजागर कर दिया है। जब तक इस तरह की लापरवाहियों पर कठोर कार्रवाई नहीं होती, तब तक ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे। ग्रामीणों की मांगें सिर्फ न्याय के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा के लिए भी हैं।